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झाडि़यों में खो गई सिरमौर की संस्कृति
नाहन — जिला
मुख्यालय नाहन की प्राचीन धरोहरें दिन-प्रतिदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही हैं।
इसका जीता जागता उदाहरण मालरोड स्थित पार्क में हस्तनिर्मित तथा सिरमौर की
संस्कृति की पहचान करवाती पहाड़ी महिला की मूर्ति है। किसी जमाने में यह पहाड़ी
महिला की मूर्ति यहां से गुजरने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र थी, परंतु इस पार्क का उचित रखरखाव न होने के कारण पार्क में लगी पहाड़ी महिला
की मूर्ति भी ध्वस्त होने के कगार पर है। आलम यह है कि वर्तमान में इस पार्क में
सिवाय नशेडि़यों के और कोई भी नहीं जाता, क्योंकि पार्क में
चारों ओर झाडि़यां ही झाडि़यां हैं तथा इन्हीं झाडि़यों की ओट में अकसर यहां पर
नशेड़ी बैठे रहते हैं। जानकारी के मुताबिक वर्ष, 1996 में
शहर के प्रसिद्ध हमामुदीन द्वारा इस पार्क में पहाड़ी महिला की मूर्ति बनाई गई थी।
मालरोड से गुजरने वाला हर व्यक्ति सिरमौर की संस्कृति की पहचान करवाती इस पहाड़ी
महिला की मूर्ति को बड़ी उत्सुकता से देखता था, परंतु आज इस
मूर्ति को झाडि़यों से घिरी होने की वजह और जर्जर हालत में होने की वजह से कोई
नहीं देखता है। नाहन शहर की प्राचीन धरोहरें प्रशासन की लापरवाही के चलते अपनी
पहचान खोती जा रही है। शहर के एक ऐतिहासिक पार्क रानीताल को छोड़कर अन्य सभी पार्क
अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। शहर के डा. राजन सिंह, शमशाद
खान, नौशाद, जोशी, किरण और सुरेंद्र आदि लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि शहर में जितने भी
छोटे-बड़े पार्क हैं उनको सोलन के पार्कों की तर्ज पर मैनटेन किया जाए।
http://www.divyahimachal.com/2015/12/ झाडि़यों-में-खो-गई-सिरमौर/
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